फरीदाबाद। पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने सेक्टर 21ए स्थित अपने कार्यालय में बुलिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक को लॉन्च किया है। पुलिस कमिश्नर ने एंटी बुलिंग कैम्पेन की ब्रांड एंबेसडर फरीदाबाद के रहने वाले श्रुति और जीवन को बनाया है। अब फरीदाबाद पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर भी सक्रिय रहेगी।
Shruti and Jeevan to be brand ambassadors of anti-bullying campaign in Faridabad
Faridabad. Police Commissioner OP Singh has launched social media platforms Instagram, Twitter and Facebook to prevent incidents like bullying at his office in Sector 21A. The police commissioner has created Shruti and Jeevan, a resident of Faridabad, the brand ambassadors of the anti-bullying campaign. Now Faridabad Police will also be active on social media platforms Twitter, Instagram and Facebook.
रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फरीदाबाद पुलिस के इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पेज का अनावरण कर फरीदाबाद पुलिस के दबंगई-रोधी अभियान ‘एंटी-बुलिंग कैम्पेन’ की शुरुआत की थी।
इसका मकसद हिंसक व्यवहार को बढ़ावा देने वाली समाज विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाना है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य घर, पड़ोस, स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थल पर दबंगई की समस्या को चिह्नित करना और इस खतरे का मुकाबला करने के लिए लक्षित कार्यक्रमों को लागू करना है।
बुलिंग वास्तव में एक ऐसी क्रिया है, जिसमें सामने वाले को प्रताड़ित किया जाता है, उसे धमकी दी जाती है या फिर डराया जाता है।
जो बच्चे बुलिंग का शिकार होते हैं, उनका स्कूल का काम और सेहत बुरी तरह से प्रभावित होने लगती है। कक्षा में ध्यान नहीं दे पाना, आत्मविश्वास की कमी, तनाव, अवसाद जैसी समस्याएं उनमें पैदा हो जाती हैं।
फिजिकल बुलिंगः इसमें लात-घूंसे मारना, हाथा-पाई करना, धक्का देना या किसी भी तरह से चोट पहुंचाना शामिल है।
वर्बल बुलिंगः दूसरों के सामने नाम बिगाडना, चिढ़ाना, आत्म विश्वास और आत्म सम्मान को चोट पहुंचाने वाली बातें कहना।
सोशल बुलिंगः दूसरों को यह कहना कि इससे दोस्ती मत करो, यह अच्छा नहीं। इससे बुलिंग का शिकार बच्चा अकेलापन महसूस करता है।
साइबर बुलिंगः मोबाइल, ई-मेल्स, चौट रूम्स या सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए परेशान करने वाले मैसेज भेजना।
बुलिंग को आमतौर पर लोग इतना संजीदगी से नहीं लेते हैं, लेकिन कई मामलों में क्लास रूम बुलिंग के कारण बच्चे डिप्रेशन का शिकार होते हैं।
यह अभियान विशेष रूप से किशोरों को लक्षित रहेगा, जो इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित वर्ग है। डराने-धमकाने की प्रवृत्ति (बुलिंग) पीड़ित व्यक्ति के आत्मविश्वास को नष्ट कर देती है, उनके व्यक्तित्व विकास को बाधित करती है, उनकी सामाजिक बुद्धिमत्ता को प्रभावित करती है और उन्हें अवसाद और अन्य बीमारियों की तरफ धकेलती है।
इस अभियान के तहत, लोगों को यूजरनेम के साथ इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर फॉलो करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस पर डराने-धमकाने की प्रबलता के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए संवादमूलक (इंटरैक्टिव) पोस्ट डाली जाएंगी।
यह बदमाशी के शिकार लोगों के लिए एक मंच भी होगा, जहां वे डराने-धमकाने वालों की रिपोर्ट कर सकते हैं।
पुलिस ‘यूथ-एट-रिस्क’ के साथ काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की मदद से दबंगई करने वालों की काउंसलिंग करके इसका फॉलो-अप करेगी।
पुलिस हिंसक और बिगड़ैल किस्म के लोगों के खिलाफ कानून की उपयुक्त धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई करेगी।
यह पहल फरीदाबाद पुलिस के ‘टीन एज पुलिस’ कार्यक्रम का हिस्सा है। इस अवधारणा का मकसद शुरुआती चरण में पारस्परिक और समूह संबंधों में हिंसा और धमकी की गुंजाइश को खत्म करना है।
‘एंटी-बुलिंग कैम्पेन’ उन श्रृंखलाओं में से एक है, जो बाद में खासकर किशोरों के लिए घातक अन्य मुद्दों जैसे ड्रग्स, जुआ और शराब की लत, ऑनलाइन धोखाधड़ी और मानव तस्करी को कवर करेगा।
इस पहल के माध्यम से, किशोरों में सामाजिक कौशल व सहानुभूति विकसित करने और स्वैच्छिक रूप से कानून के पालन की भावना जगाने का काम किया जाएगा, ताकि वे आगे चलकर जिम्मेदार नागरिक बनें।